तेरे दर पे आया हूँ , माँ लेके मैं फरियाद
सबकी बिगड़ी बनादे, सबको कर दे आबाद
तेरे दर से गया नहीं,माँ अबतक कोई खाली
हम तेरे बाग के फूल , तू बागों की माली
तेरे हाथों रखी है ,सबके जीवन की बुनियाद
सबकी बिगड़ी बनादे, सबको कर दे आबाद
कर दे सब पे माँ करम, मिट जाये सब भरम
कट जाये सबके दुःख , सबको दे दे ऐसी भस्म
तू जहाँ की दाती है , है सब तुझसे आबाद
सबकी बिगड़ी बनादे, सबको कर दे आबाद
मेरे दिल की सुन सदा , ऐ जहाँ ने खुदा!
तुने सबको सब दिया , ऐ मालिके जहाँ!
माँ चरणों में दे शरण , कर दे पूरी फरियाद
सबकी बिगड़ी बनादे, सबको कर दे आबाद
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