Monday, October 24, 2011

विनती

हे दयामय !आप हम पर इतनी करुणा कीजिये 
सब बुराई दूर कर , हमें  अपनी  शरण  लीजिये  

ऐसी कृपा और दया , हम पे  हो  परमात्मा 
सबका दिल हो निर्मल,सब  बने धरमात्मा
हे दयामय !आप हम पर इतनी करुणा कीजिये ...

हो  उजाला  सबके  मन में , ज्ञान के  प्रकाश से 
कोई किसी का बुरा करे न,जिए इस विश्वास से 
हे दयामय !आप हम पर इतनी करुणा कीजिये ....

शुद्ध करो सबके मन को , प्रभु अपने ज्ञान से 
मान बढ़ाओ भक्तो का , प्रभु भक्ति के दान से 
हे दयामय !आप हम पर इतनी करुणा कीजिये ....

सत्य को धारण करे , मुक्त रहे  विकारों से सदा 
तेरी भक्ति में रहे मगन ,विचरे निर्भय हम सदा
हे दयामय !आप हम पर इतनी करुणा कीजिये ....

रक्षा करो  हमारी  प्रभु ! अपनी  शरण  रखे सदा 
ॐ ज्योति से दूर हो ,सबके मन का अँधेरा सदा 
हे दयामय !आप हम पर इतनी करुणा कीजिये 
सब बुराई दूर कर , हमें  अपनी  शरण  लीजिये  






प्रभु प्रकाश

परमेश्वर के ध्यान में ,  जिसने लगाईं  है  लगन 
उसको मिली सुख-शांति ,मन उसका रहे मगन 

काम, क्रोध, मद, मोह ,लोभ, सब शत्रु  है  बलवान 
इनके दमन के लिए ,कर सको तो करो पूरा जतन
परमेश्वर के ध्यान में ,  जिसने लगाईं  हो लगन 
उसको मिली सुख-शांति ,मन उसका रहे मगन 

खुद को बना लो निर्मल, मन  की शांति  के लिए
ईर्ष्या की अग्नि से बचे,जो दिल में करे  है जलन
परमेश्वर के ध्यान में ,  जिसने लगाईं  है  लगन 
उसको मिली सुख-शांति ,मन उसका रहे मगन 

जग में सबसे प्यार कर , त्याग दे तू बैर भाव को
छोड़ दे टेढ़ी चाल को ,ठीक कर  तू अपना चलन 
परमेश्वर के ध्यान में ,  जिसने लगाईं  है  लगन 
उसको मिली सुख-शांति ,मन उसका रहे मगन 

उसकी  माया अदभुत  है ,जिसने  रचा  संसार है 
दुःख चिंता सब त्याग दे ,ले तू बस उसकी शरण 
परमेश्वर के ध्यान में ,  जिसने लगाईं  है  लगन 
उसको मिली सुख-शांति ,मन उसका रहे मगन 





Sunday, October 23, 2011

प्रभु माया

कोई चंद्रमा में देख ले, है प्रभु आभा तेरी 
तेज सूरज का नहीं, है वो प्रभु छाया तेरी 

तेरी महिमा का बखान,करती  है  रचना तेरी
आके जगत में देख ले, कोई  भी महिमा तेरी 

तेरी इस सुन्दरता की है सारी दुनियाँ गवाह
तेरी सरपरस्ती में , ये चल रही दुनियाँ तेरी 

तेरी शरण की चाह में फिर रहा  अमन तेरा 
दिल में बस तू है , मिलने की  है आशा तेरी

अब तो कर नज़रे करम, मेरे प्रभु 'अमन' पे
कब से  जप  रहा हूँ  मैं , प्रभु  मैं  माला  तेरी 

माँ का दर

मांगो खुदा से सबके लिए , सबको सबकुछ मिल जायेगा
गर मांगोगे तुम खुद के लिए,खुदा खुद ही समझ जायेगा
अब आ  गए  हो दर पर उसके , जब अपने अपनों के लिए 
कुछ देर भले हो जाये शायद,कोई दर से खाली न जायेगा 
हर वक्त  याद रखो खुदा को,खुदा ही वक्त पर काम आएगा 

जा रहो  हो  किधर , फिरते  क्यों  दर बदर
आ भी जाओ इधर, ये है अम्बे रानी का दर 
जगदम्बे माता का दर,  न  फिरो  दर बदर 

माँ से रोशन है जहाँ,मुरादें पूरी करता है माँ
तेरा  भी  कट  जायेगा , करेगी  दाती  महर
आ भी जाओ इधर, ये है अम्बे रानी का दर 
जगदम्बे माता का दर,  न  फिरो  दर बदर 


माँ का लश्कर जब चले,दुखियों की आस बंधे 
दुःख छूमंतर हो जाये,माँ करे जब हमपे महर
आ भी जाओ इधर, ये है  अम्बे रानी का दर 
जगदम्बे  माता का दर,  न  फिरो  दर बदर 

माँ की शान है निराली,दर से कोई गया न खाली
देख लो तुम जिधर,गाँव गली से शहर शहर
आ भी जाओ इधर, ये है अम्बे रानी का दर 
जगदम्बे माता का दर,  न  फिरो  दर बदर