Sunday, October 23, 2011

प्रभु माया

कोई चंद्रमा में देख ले, है प्रभु आभा तेरी 
तेज सूरज का नहीं, है वो प्रभु छाया तेरी 

तेरी महिमा का बखान,करती  है  रचना तेरी
आके जगत में देख ले, कोई  भी महिमा तेरी 

तेरी इस सुन्दरता की है सारी दुनियाँ गवाह
तेरी सरपरस्ती में , ये चल रही दुनियाँ तेरी 

तेरी शरण की चाह में फिर रहा  अमन तेरा 
दिल में बस तू है , मिलने की  है आशा तेरी

अब तो कर नज़रे करम, मेरे प्रभु 'अमन' पे
कब से  जप  रहा हूँ  मैं , प्रभु  मैं  माला  तेरी 

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