Sunday, October 23, 2011

माँ का दर

मांगो खुदा से सबके लिए , सबको सबकुछ मिल जायेगा
गर मांगोगे तुम खुद के लिए,खुदा खुद ही समझ जायेगा
अब आ  गए  हो दर पर उसके , जब अपने अपनों के लिए 
कुछ देर भले हो जाये शायद,कोई दर से खाली न जायेगा 
हर वक्त  याद रखो खुदा को,खुदा ही वक्त पर काम आएगा 

जा रहो  हो  किधर , फिरते  क्यों  दर बदर
आ भी जाओ इधर, ये है अम्बे रानी का दर 
जगदम्बे माता का दर,  न  फिरो  दर बदर 

माँ से रोशन है जहाँ,मुरादें पूरी करता है माँ
तेरा  भी  कट  जायेगा , करेगी  दाती  महर
आ भी जाओ इधर, ये है अम्बे रानी का दर 
जगदम्बे माता का दर,  न  फिरो  दर बदर 


माँ का लश्कर जब चले,दुखियों की आस बंधे 
दुःख छूमंतर हो जाये,माँ करे जब हमपे महर
आ भी जाओ इधर, ये है  अम्बे रानी का दर 
जगदम्बे  माता का दर,  न  फिरो  दर बदर 

माँ की शान है निराली,दर से कोई गया न खाली
देख लो तुम जिधर,गाँव गली से शहर शहर
आ भी जाओ इधर, ये है अम्बे रानी का दर 
जगदम्बे माता का दर,  न  फिरो  दर बदर 






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