धरती देखो करे पुकार , बंद करो ये अत्याचार
मेरा तन क्यों तुमने काटा? क्यों मुझको देश-धर्म में बांटा?
मैंने खून से सींचा सबको , सब लालन पालन किया तुम्हारा
फिर तुम क्यों बेकार झगड़ते? जब मेरा आँचल है जग सारा
तुम्हें ज्ञान - विज्ञान का भंडार दिया , ये सब मानवता के लिए
क्यों करते हो अनर्गल प्रयोग,जीवन है योग का भोग और जोग
तुम जरा से बड़े क्या हुए , समझने लगे खुद को ही बड़ा
तुम तो हो नवजात अभी , मेरे जीवन से बंधा है जीवन तेरा
दिए तुम्हे जीवन के सब सुख, भक्ति की शक्ति से दूर किया हर दुःख
तुम तो हो मेरी करुणा का प्रसाद,बच्चों! बंद करो ये झगड़े फसाद
गर यूँ ही करते रहे , सीना तुम छलनी मेरा
मेरे अन्त के साथ बेटा ,अन्त निश्चित है तेरा
मेरा तन क्यों तुमने काटा? क्यों मुझको देश-धर्म में बांटा?
मैंने खून से सींचा सबको , सब लालन पालन किया तुम्हारा
फिर तुम क्यों बेकार झगड़ते? जब मेरा आँचल है जग सारा
तुम्हें ज्ञान - विज्ञान का भंडार दिया , ये सब मानवता के लिए
क्यों करते हो अनर्गल प्रयोग,जीवन है योग का भोग और जोग
तुम जरा से बड़े क्या हुए , समझने लगे खुद को ही बड़ा
तुम तो हो नवजात अभी , मेरे जीवन से बंधा है जीवन तेरा
दिए तुम्हे जीवन के सब सुख, भक्ति की शक्ति से दूर किया हर दुःख
तुम तो हो मेरी करुणा का प्रसाद,बच्चों! बंद करो ये झगड़े फसाद
गर यूँ ही करते रहे , सीना तुम छलनी मेरा
मेरे अन्त के साथ बेटा ,अन्त निश्चित है तेरा
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