Saturday, November 6, 2010

क़ायनात

दुनियाँ  की  हर  शै  है ,  तेरी  ही  बनाई  है
दुनियाँ बनाने वाले  , ये तेरी ही रोशनाई है
हर जर्रे में तू है , कण कण में है तेरा नूर
इंसान है नादाँ प्रभु , तुझसे  हुआ  है  दूर
मीरा ने विष पिया तो प्रभु हो गए मजबूर
क्या शाने  करामात  प्रभु  तूने दिखाई  है
ये चाँद  और  सूरज  तूने ये  आकाश बनाया
ये  धरा  वृक्ष  पर्वत  सब  तूने  खास  बनाया
बहा  दी  सुंदर  नैया , बहती  है निर्मल  धारा 
क्या जन्नते  दुनिया , प्रभु  तूने  बसाई  है 
दुनियाँ बनाने वाले  , ये तेरी ही रोशनाई है
अब छुप गया कहाँ  तू , दुनियाँ  बनाने वाले 
एक बार फिर आकर ,  मुरली मधुर  बजा दे
मनमोहिनी मूरत मोहे  श्याम तुम दिखाओ
वही मोहिनी  मूरत तेरी ,  सब  में  समाई  है
दुनियाँ बनाने वाले  , ये तेरी ही  रोशनाई  है
राम बनके  आओ , घनश्याम  बनके  आओ
दीनो पर दया  करके , भगवन बनके  आओ
आँखें  तरस  रही , घनश्याम  बिन तुम्हारे
क्या तान मधुर मुरली  की , प्रभु तूने बजाई है
दुनियाँ बनाने वाले  , ये  तेरी  ही  रोशनाई  है
दुनियाँ  की  हर  शै  है ,  तेरी  ही  बनाई  है
दुनियाँ बनाने वाले  , ये तेरी ही रोशनाई है


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