माँ की ममता
माँ क्या होती है,माँ तो माँ होती है
माँ जाँ होती है , माँ जहाँ होती है
माँ ईश्वरीय शक्ति है माँ ईश्वरीय भक्ति है
जिससे पञ्च तत्वों का संचार होता है
जो केवल जीवन का आधार होती है
माँ है मंदिर,माँ है मस्जिद,माँ गिरजा गुरुद्वारा है
माँ का आँचल ही तो यारों , स्वर्ग हमारा है
जिन्दगी भर बच्चों की खातिर जीवन अपना ढोती है
बच्चों की खुशियों में तो माँ भी खुश होकर रोती है
माँ का आँचल कितना विशाल ! कितना वत्सल
सब देश धर्म के लोग आँचल के तले रहते है
बांटा है क्यों हमने आँचल को देश धर्म में
आँचल सबका है क्यों आँचल के लिए लड़ते है?
यह देख के माँ रोती है , उसकी आँखों से गंगा बहती है
हम सबके पापों को माँ , अपने आंसुओं से धोती है
आँचल के तले जो प्यार से रहेगा
उसके वजूद सदा आँचल में पलेगा
माँ के कितने ही रूप हैं पर उसका एक ही स्वरूप है
ममता जिसका आँचल है तो आँखें शक्ति स्वरुप है
माँ देश धर्म रंग रूप से नहीं , माँ तो बस माँ होती है
माँ जाँ होती है , माँ जहाँ होती है, माँ बस माँ होती है
माँ वो मन्त्र है , वो तंत्र है , सबके लिए वो सर्वत्र है
जिसके जपने से मिले मोक्ष,जीवन सफल सर्वत्र है
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