तेरा रुतबा मेरी माँ , सारा रोशन करे जहाँ
सारा रोशन करे जहाँ , तेरा रुतबा मेरी माँ .........
सूरज चाँद की क्या मजाल,बिन तेरे चले जो चाल
तेरे बिन जहाँ में क्या , तेरा नूर हर जगह
तेरा रुतबा मेरी माँ , सारा रोशन करे जहाँ
तेरा लश्कर जब चले , भक्तों की आस बंधे
तेरी चुनरी जब लहराए,दुःख छूमंतर हो जाये
तेरा रुतबा मेरी माँ , सारा रोशन करे जहाँ
तेरा कोई नहीं है सानी , हम लाल तेरे अज्ञानी
तू जब शेर पे करे सवारी , लगती है सबसे न्यारी
तेरा रुतबा मेरी माँ , सारा रोशन करे जहाँ
एक बार तू आँख फिर , हरेक की बिगड़ी बना दे
एक बार तू आँख गड़ा दे दुश्मनों के छक्के छुड़ा दे
तेरा रुतबा मेरी माँ , सारा रोशन करे जहाँ
तेरे दर पे आता जो , हर मुरादें पाता वो
नहीं ऐसा कोई सवाली,तेरे दर से गया हो खाली
तेरा रुतबा मेरी माँ , सारा रोशन करे जहाँ
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