मेरी तृष्णा , मेरी तृष्णा , बस मिले कृष्णा
मेरे दिल में क्यों तूने प्रेम जोत जलाई?
मेरे दिल में तूने आस मिलन की जगाई
श्याम आके मोहे तू दरस दिखा दे
फिर बिछड़े न कभी आज यूं मिला दे
ओ कृष्णा , ओ कृष्णा है ये मेरी तृष्णा
मेरी तृष्णा ,मेरी तृष्णा ,बस मिले कृष्णा
माया जग में तो , मति है भरमाई
तेरी चाहत मुझको , कहाँ तक ले आई
अब तो फर्क मिटा दे ,मोहे दर्श दिखा दे
ओ कृष्णा , ओ कृष्णा है ये मेरी तृष्णा
मेरी तृष्णा,मेरी तृष्णा ,बस मिले कृष्णा
No comments:
Post a Comment