Saturday, November 6, 2010

श्री राम

राम राम  , रोम रोम , रम गया है
सांस में बस राम नाम रम गया है

सोवत जागत हर पल   दिल याद करता है
मोहे श्याम  दे शरण  ये  फरियाद करता है
याद करते करते जग सारा थम गया है

राम राम  , रोम रोम , रम गया है
सांस में बस राम नाम रम गया है

ये जिन्दगी बस राम की    है मेरे   किस  काम की
जिसमे राम नहीं रमा वो जिन्दगी किस काम की
मनवा मोरा चित चकोरा क्यों भरम गया है

राम राम  , रोम रोम , रम गया है
सांस में बस राम नाम रम गया है

काया माया पल छिन बस आनी जानी है
जिसने पाया राम नाम  वो  परमज्ञानी है
जबसे मन में राम रमा मिट सारा भरम गया है

राम राम  , रोम रोम , रम गया है
सांस में बस राम नाम रम गया है



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