सोना
सोना ! इंसान के लिए कितना है जरूरी
जिसको मिल जाये समझे कमी हो गयी पूरी
सोना अधिक पाना ,हर तरह से है बेकार
एक पाए बोराय नर , हो दूजे से बीमार
इंसान चाहे मंदिर-मस्जिद गिरजे - गुरद्वारे गढ़ना
सोने में मढ़ भगवान से , बस मोक्ष प्राप्त करना
भगवान कहते हैं हे प्राणी ! ले सोना या बन सोना
ये सब तुझ पर निर्भर है,अब जाग जा मत तू सो ना
सोना चाँदी हीरें मोती तू पन्ना लाल ले ले
बिन सोने के बन सोना ये आत्मज्ञान ले ले
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