" माँ "
फरिश्तों की चाह रखने वालें बस नजर घुमा के तो देख
कौन है तेरे दिल के सबसे पास दिल में झाँक के तो देख
यूं तो दिए हैं खुदा ने हजारों रिश्तें दुनियां में
किया जिसने रिश्तों का सिलसिला मुकम्मल
उसके दिल की गहराइयों में जा के तो देख
कर दिया न्यौछावर जिसने ममता से अपने दिल का हर टुकड़ा
उसे अपने दिल के किसी कोने में बसा के तो देख
"माँ" सिर्फ एक शब्द नहीं , एक गर्व है
एक प्यार का सागर है , सतत प्रेरणा है
खुदा भी तुझसे कहता है कि शायद तू है सबसे खुशनसीब
क्योंकि इसी फरिश्तें के लिए मैं तो आज तक हूँ गरीब
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